नये व्यवसाय के लिए सरकारी लोन योजनाएँ | (Government Scheme for New Businesses in Hindi)
नये बिज़नेस या Start-up की शुरुआत करते समय हमारे सामने Fund की परेशानी आती है | हम अक्सर इस बात से शंकित रहते हैं की शायद हमें बैंक से भी लोन नहीं मिलेगा लेकिन ये इसलिए होता है क्योंकि हमें बैंक से लोन प्राप्त करने की सही समझ नहीं होती है | इसीलिए भारत सरकार देश में बिज़नेस और start up को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग सेक्टर्स के लिए विभिन्न तरह की लोन सुविधाएँ दे रही है एवं इन योजनाओं का लाभ उठाकर आप भी एक सफल उद्यमी बन सकते हैं | अगर आप भी जानना चाहते हैं की नये व्यवसाय के लिए सरकारी लोन योजनाएँ (Government scheme for new businesses in hindi) कौन सी है और लोन कैसे प्राप्त किया जाता तो यह आर्टिकल नये व्यवसाय के लिए सरकारी लोन योजनाएँ (Government scheme for new businesses) आपके लिए बहुत मददगार हो सकता है|
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सरकारी लोन योजनाएँ
6 ऐसी लोन योजनाएँ हैं जो सरकार नये व्यवसाय और स्टार्टअप को प्रदान करती है | इनका लाभ उठाकर आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं |
1. प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना -
सरकार ने नॉन-कॉर्पोरेट, छोटे और मध्यम व्यवसायों को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए इस योजना की स्थापना की है। मुद्रा लोन, प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंकों, कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), स्मॉल फाइनेंस बैंक और कॉर्पोरेट बैंक से लिया जा सकता है। इच्छुक आवेदक उपरोक्त संस्थानों में से किसी से संपर्क कर सकते हैं या MUDRA की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
मुद्रा योजना (MUDRA Scheme) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सरकारी योजना है जो छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इसका पूरा नाम "Micro Units Development and Refinance Agency" है, जिसे MUDRA के नाम से जाना जाता है।
मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को सस्ते लोन प्रदान करना है, ताकि वे अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे सकें। इसके तहत तीन प्रकार के ऋण प्रदान किए जाते हैं -
1. Shishu: इसमें छोटे ऋण जैसे कि 50,000 रुपए तक के व्यक्तिगत व्यवसायों के लिए लोन प्रदान किए जाते हैं।
2. Kishore: इस योजना में 50,000 से 5 लाख रुपए तक का ऋण लिया जा सकता है |
3. Tarun: इसमें अधिक बजट के व्यक्तिगत व्यवसायों के लिए ऋण प्रदान किए जाते हैं, जिनमें 5 लाख से 10 लाख रुपए तक का ऋण लिया जा सकता है |
योग्यता: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रोपराइटरशिप / एंटरप्राइज फर्म जो गैर कॉर्पोरेट छोटे व्यवसाय हैं, इस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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2. स्टैंड-अप इंडिया -
यह योजना लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) द्वारा संचालित की जाती है | इस योजना का उद्देश्य, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिला उद्यमियों को आसान ब्याज दरों में ऋण उपलब्ध कराना है | इस योजना के तहत प्रत्येक बैंक शाखा कम से कम एक एससी / एसटी उद्यमी और एक महिला उद्यमी को 10 लाख रु. से 1 करोड़ रु. तक का लोन प्रदान करती है।
योग्यता: इस योजना के तहत व्यापार, मैन्यूफैक्चरिंग या सर्विस सेक्टर में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जिन व्यवसायों में मालिकाना अधिकार एक से अधिक व्यक्तियों के पास होता हैं, उनमें न्यूनतन 51% हिस्सेदारी एक SC / ST या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।
ऋण के लिये पात्रता:
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमी, जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है।
- ऋण लेने वाला व्यक्ति किसी भी वित्तीय संस्था से डिफॉल्टर घोषित न हुआ हो |
- लागत का कम से कम 10% पैसा ऋण को लगाना होगा |
3. PSB लोन योजना
भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए इस लोन योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत स्टार्टअप और Msme सेक्टर्स के लिए 5 करोड़ तक का लोन प्रदान किया जाता है |
इस सुविधा की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
• फ़ास्ट लोन अप्रूवमेन्ट - इस स्कीम के तहत लोन अप्रूव कराने में मात्र 59 Min का समय लगता है |
• लोन राशि - इस लोन के तहत दी जाने वाली लोन राशि 1 लाख रुपए से 5 करोड़ रुपए तक होती है|
• ब्याज दर - इस योजना के तहत लागू ब्याज दर 8.50% है|
• गारंटी-फ्री लोन - लोन प्राप्त करने के लिए, कोई गारंटी अनिवार्य नहीं है क्योंकि ऑनलाइन पोर्टल सीधे माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है |
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4. MSME के लिए सिडबी मेक इन इंडिया सॉफ्ट लोन
इस योजना का संचालन लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) द्वारा किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य नए MSME की स्थापना के लिए आवश्यक लोन-इक्विटी रेश्यो को पूरा करने के लिए और मौजूदा उद्योगों के विकास के लिए 25 लाख रु. तक का लोन प्रदान करना है।
इस लोन को प्राप्त करने के लिए ज़रूरी योग्यताएँ :
मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के मौजूदा और नए व्यवसाय इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।अपने व्यवसाय के विस्तार, अपग्रेड या अन्य परियोजनाओं को शुरू करने के लिए ये लोन मिल सकता है। लोन की अधिकतम अवधि 10 वर्ष है जिसमें 36 महीने की मोराटोरियम अवधि भी शामिल है।
5. प्राइम मिनिस्टर क्रेडिट गारंटी स्कीम
सूक्ष्म और लघु उद्यमों में लोन वितरण प्रणाली को मजबूत और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा प्राइम मिनिस्टर क्रेडिट गारंटी स्कीम की शुरुआत की गई है | इस योजना का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय का सुगम संचालन सुनिश्चित करना है ताकि व्यवसायी को किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े |
सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों के साथ-साथ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और एसबीआई अपने सहयोगी बैंकों के साथ इस योजना के तहत लोन देने वाले संस्थानों में शामिल हैं।
इस योजना की विशेषताएं
इस योजना के तहत 50 लाख से 1 करोड़ तक के लोन पर अधिकतम 50 प्रतिशत की गारंटी मिलती है |
जिन कारोबारियों का लोन 5 लाख रुपये तक का होता है उनके लोन पर 85 प्रतिशत तक CGTMSE Scheme के तहत गारंटी मिलती है।
उद्यमियों को 2 करोड़ रु. तक के टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल लोन की सुविधा प्राप्त होती है
योग्यता:
खुदरा व्यापार, शैक्षणिक संस्थानों, कृषि, स्वयं सहायता समूहों (SHG) को छोड़कर, मैन्यूफैक्चरिंग या सर्विस सेक्टर और मौजूदा MSME, प्रशिक्षण संस्थान इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं |
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निष्कर्ष -
देश में बिज़नेस और स्टार्टअप को बढ़ावा देने और व्यवसायी की आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने विभिन्न तरह की योजनाओं की शुरुआत की है | आप इन योजनाओं का लाभ उठाकर स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं| बिज़नेस से सम्बंधित अन्य लोन योजनाओं की जानकारी, नये व्यवसाय के लिए सरकारी लोन योजनाएँ और बिज़नेस आईडिया के लिए विजिट कीजिये, हमारी website - www.thechalaang.com
Chalaang
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20-09-2023