इन स्टार्ट अप स्कीम्स के साथ महिलाओं के लिए बिज़नस करना है अब आसान
अब महिलाएं कर सकती हैं बिज़नस स्टार्टअप स्कीम्स के साथ आसानी से। इस आर्टिकल में जानें उन सभी Government Schemes for Women Entrepreneurs in Hindi के बारे में, जो महिलाओं को उद्यमिता के रास्ते में हेल्प करेंगे।
जिस तरह उद्यमिता की तरफ बढ़ते कदम तेज़ी से भारत को विकसित कर रहे हैं, उस दौड़ में महिला उद्यमियों का विशेष योगदान है। महिलाएं बिज़नस की राह पर चलते आज सशक्त व स्वतंत्र हो रही हैं और बिज़नस करना ज़्यादा सहज भी हुआ है।
आज घर बैठे अपने हुनर व पैशन से खुद को स्थापित करने से वित्तीय स्वंतंत्रता और आत्मनिर्भरता होने के साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ता है। बिज़नस करने चलो तब सबसे बड़ा मुद्दा आता है वित्त का। फंडिंग रिसोर्सेज जुटाना कोई आसान काम नहीं।
जो बिज़नस पहले से स्थापित हैं या फैमिली बिज़नस चलाने में भी चुनौतियां होती हैं पर फंडिंग की टेंशन फिर भी उतनी नहीं रहती। लेकिन जब बात आती है खुद का स्टार्ट अप शुरू करने की, तब वित्त इकट्ठा करना एक बड़ी प्रक्रिया है और ऐसे में कई सरकारी योजनाएं आपके बहुत काम आ सकती हैं। स्टार्ट अप शुरु करने में कौन सी योजनाएं दे सकती हैं आपको लाभ आइये जानते हैं उनके बारे में।
Also Read: छोटे शहरों में महिला उद्यमी को कैसे प्रोत्साहित करें
महिला उद्योगियों के लिए सरकारी स्कीम (Government Schemes for Women Entrepreneurs in Hindi )
1. सेण्ट कल्याणी योजना:
सेंट्रल बैंक द्वारा शुरू की गई इस योजना से छोटे व्यापार और मैन्युफैक्चरिंग के काम के लिए लोन व्यवस्था की जा सकती है। पहले से स्थापित व्यापारों व नए स्टार्ट अप के लिए महिलाएं इस योजना से काफी फंडिंग इकठी कर सकती हैं। कपड़ा व्यापार, ब्यूटी बिज़नस, लघु उद्योग, खेती व कृषि व्यापारों के लिए इस योजना के तहत लोन मुहैया हो जाता है। सबसे अच्छी बात ये है कि यहाँ आपको गारंटर या सहायक के बिना भी लोन मिल जाता है। लोन का इंटरेस्ट रेट मार्किट में चल रहे करंट रेट से तय किया जाता है।इसे चुकता करने की अधिकतम समयावधि 7 वर्ष है।
2. प्रधान मंत्री रोज़गार योजना:
ये सर्वव्यापी योजना कुछ इस तरह बनाई गई है जिससे महिलाएं हर क्षेत्र, नए बिज़नस व सेवाओं के लिए इस योजना के द्वारा लाभ उठा सकती हैं। स्व रोज़गार के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बनें व वित्तीय रूप से स्वतंत्र हों, ये इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। खेती बाड़ी, मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सब कुछ प्लान के अंदर आता है। प्रोजेक्ट मूल्य पर 15 प्रतिशत छूट का ऑफर लगभग प्रति व्यक्ति रु.12500 अधिकतम पड़ता है।
बिज़नस सेक्टर में क्रेडिट सीलिंग लगभग 2 लाख रुपये है और उद्योग निर्भर व एंटरप्राइसेस पर ये सीमा 5 लाख तक है।
3. देना शक्ति स्कीम:
माइक्रो एंटरप्राइज सेक्टर, कृषि, रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग या छोटे व्यापार चलाने वाले व्यापारियों को इस योजना के तहत लाभ हो सकता है। RBI सीमा के अंदर महिला लाभार्थियों को वो किस बिज़नस सेक्टर में जाना चाहती हैं और कैसे बढ़ना चाहती हैं, इसके आधार पर अधिकतर सीलिंग तय होती है। 20 लाख का अधिकतम लाभ लिया जा सकता है। ये योजना ऑनलाइन बिज़नस के लिए जो ऊपर बताई गई केटेगरी में काम करना चाहते हैं उनके लिए बहुत अच्छी रहेगी।
4. मुद्रा लोन:
मुद्रा योजना में MSME के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है, वो भी बिना किसी सहायक के। किसी भी क्षेत्र की महिलाएं महिला लोन योजना में आवेदन कर सकती हैं। कुछ आवश्यकताओं की जानकारी बताकर यहां आवेदन किया जा सकता है।
जो महिलाएं मैन्युफैक्चरिंग या निर्माण के कार्य में इन चार्ज हैं, वो PMYY में आवेदन कर सकती हैं। इसमें कलाकार, बुनकर और अन्य हस्तशिल्पी शामिल हैं। अपने एंटरप्राइज को विस्तार, स्थापन या विकसित करने के लिए महिलाएं ये लोन ले सकती हैं और सर्विस आधारित बिज़नस भी स्थापित कर सकती हैं।
Also Read: महिलाओं द्वारा शुरू की गईं 8 प्रसिद्ध कंपनियां
सरकारी योजनाओं के तहत आज के समय में महिला उद्यमियों के लिए अपार संभावनाएं हैं और उन्हें इसके लिए किसी पर भी निर्भर रहने की ज़रुरत नहीं बस ज़रुरत है तो खुद पर विश्वास रखने की और उस विश्वास के साथ छलांग लगाने की।
Chalaang
|
29-07-2023