Public speaking in hindi | बोलो बिंदास .. लगाओ अपनी छलांग !

 

 

पब्लिक स्पीकिंग( Public Speaking in audience) अपने आप में एक बड़ी चुनौती होती है।  कुछ अच्छी पब्लिक स्पीकिंग टिप्स के साथ इस क्षेत्र में अच्छा स्पीकर बना जा सकता है। बोलने की बारी आए, तो कई लोगों के पसीने छूटने लगते हैं। और पब्लिक स्पीकिंग के मामले में अगर देखा जाए तो ये, लोग सबसे ज़्यादा इसका फोबिया रखते हैं। हम अपनी बाकी स्किल्स पर तो बहुत काम करते हैं पर अपनी बोल चाल और स्पीकिंग स्किल्स की तरफ कभी ध्यान नहीं देते।  नतीजन धीरे धीरे हम इन स्किल्स में कमज़ोर पड़ने लगते हैं और जब बारी किसी बोर्ड मीटिंग में या प्रेजेंटेशन में बोलने की आती है तो पीछे हट जाते हैं। अच्छा वक्ता होना तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब बात अपने विचार व्यक्त करने की आती है। बोलना आना तकनीकी स्किल्स (Technical skills in public speaking) से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है।  इससे आपके निजी ब्रांड को लाभ मिलता है। इससे न सिर्फ आपका ओहदा बढ़ता है बल्कि अपनी इंडस्ट्री एक बेजोड़ लीडर के रूप में उभर कर आते हैं।  

 

Public speaking in hindi बोलो बिंदास .. लगाओ अपनी छलांग !

 

पब्लिक स्पीकिंग में होने से न सिर्फ नए बिज़नस में लाभ होते हैं, नेटवर्क विस्तृत होता है व मेंटरशिप की संभावनाएं बढ़ती हैं।  महत्वपूर्ण ये नहीं है कि आप क्या हैं महत्वपूर्ण ये है कि आप उसे प्रस्तुत कैसे करते हैं। कुछ टिप्स जो आपको अपने आप को प्रस्तुत करने में काम आएँगी, चलिए आज उनके बारे में जानते हैं।

 

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Tips for Public Speaking 

 

Tips for Public Speaking

 

1. तैयारी (Preparation is must) :

तैयारी (Preparation is must)

 

ये विदित है पर मंच पर जाने से प्रथम , पहले से तैयारी ज़रूरी है।  अपने ऑडियंस जिनको आप सम्बोधित करने जा रहे हैं उनके बारे में जानिये और सारे नोट्स संभाल कर एक साथ रखें। क्या आप जानते हैं ऐसा तरीका स्टीव जॉब्स भी अपनाते थे।  कितने ही दिन अभ्यास  करके और फीडबैक इकठ्ठा करके वो मंच पर उतरते थे। तो सामग्री लिखें, नोट्स पढ़ें और अभ्यास ज़रूर करें।  

 

 

2. अपने डर को समझें ( Understand your fears) :

 

अपने डर को समझें ( Understand your fears)

 

ये बहुत स्वाभाविक है कि आपको घबराहट हो जब आपको कई लोग देख रहे हो।  लेकिन इससे निकलने के लिए एक अभ्यास जो आप कर सकते हैं वो है बार बार अपने पॉइंट्स का अभ्यास। इसके अलावा एक सोच जो आप रख सकते हैं वो है कि आप ये सोचे कि लोग आपसे सीखना चाहते हैं। जब आप लोगों को समझाने के इरादे से सम्बोधित करेंगे तब निश्चित ही आपका डर दूर होगा।  

 

 

3. मानवीय एंगल लाएं (Get a human touch): 

 

मानवीय एंगल लाएं (Get a human touch)

 

जितना आप ऑडियंस से जुड़ेंगे उनके समकक्ष आकर बात करेंगे उतना वो भी आपसे जुड़ेंगे।  निजी कहानियां, सच्ची घटनाएं व भावनाएं ये कुछ ऐसी बातें हैं जिनसे अपने ऑडियंस से आप बड़ी ही आसानी से जुड़ सकते हैं।  कोई अच्छा किस्सा या वाक़या अपनी स्पीच में ज़रूर शामिल करें जिससे लोग प्रभावित हों और उन्हें आपकी बात सुनने में दिलचस्पी बढ़े।  

  

4. मज़ेदार किस्से सुनाएं(Create funny stories) :

 

मज़ेदार किस्से सुनाएं(Create funny stories)

 

बात करते करते कुछ ऐसे किस्से या चुटकुले सुना सकते हैं जो आपकी बात से मेल खाते हो।  अगर कहीं कोई बात में गंभीरता आ रही हो तो, बीच में कोई मज़ेदार किस्सा ज़रूर जोड़ें जिससे ऑडियंस आपसे जुड़ी रहे।

 

 

5. रुकावट (Take Pauses) :

 

रुकावट (Take Pauses)

 

बोलते बोलते बीच बीच में ज़रूर रुकें।  कभी कभी हल्का सा रूककर बोलने में ऑडियंस को ये महसूस हो जाता है कि आप कितने आत्मविश्वासी हैं। और आपकी बात ज़्यादा प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुँचती है। इससे एक बात और ये पता चलती है कि आप अपने मुद्दे से भाग नहीं रहे हो बल्कि स्थिर हो।  

 

 

6.  कुछ बेचने की कोशिश न करें( Don’t pitch sales):

 

कुछ बेचने की कोशिश न करें( Don’t pitch sales)

 

मंच पर होना, अपने आप में सब कुछ कह जाता है। कई बार मंच पर एक अजीब दबाव महसूस होता है। उस समय ऑडियंस को किसी बात के लिए मनाने की कोशिश न करें और न ही कोई चीज़ बेचें।  ये कभी भी एक अच्छा आईडिया नहीं हो सकता। आपकी मंच पर उपस्थिति ही काफी है और अपने आप में पब्लिसिटी है। सेल्स पिचिंग से बचें।  

 

 

7. गलती स्वीकारने की हिम्मत रखें (Accept mistakes):

 

गलती स्वीकारने की हिम्मत रखें (Accept mistakes)

 

कई बार बोलते समय गलती हो जाती है और जुबां फिसल जाती है, मगर इससे कतई न सकुचायें। आप रातों रात अच्छे स्पीकर तो नहीं बन सकते और उसमें समय लगता है। दुनिया में जितने भी अच्छे स्पीकर्स हैं वो सर्वोत्तम नहीं, हाँ मगर ये ज़रूर है उनको ये पता है कि वो अपने ऑडियंस तक क्या ले जाना चाहते हैं। अपने उत्साह को कम न होने दें और अपने सन्देश को प्रवाहित करें एक बेजोड़ वार्ता के लिए।  

 

 


निष्कर्ष 

उम्मीद है कि इन टिप्स के साथ आप अपनी स्पीकिंग स्किल्स पर और बारीकी से काम कर पाएंगे और आपको लगातार सुधरने का मौका मिलेगा।  जब आप अपने अंदर स्पीकिंग स्किल्स विकसित कर लेते हैं तब आप विभिन्न करियर विकल्पों में अपने हाथ आज़मा सकते हैं जैसे रेडियो जॉकी, VO आर्टिस्ट इत्यादि।  ये ऐसे करियर ऑप्शन हैं जो न सिर्फ आपको शोहरत दिलाएंगे बल्कि आप अच्छा कमा भी सकते हैं। ये बात ज़रूर याद रखिये कि जितना आप रिसर्च करेंगे और पढ़ेंगे, अच्छे वक्ताओं को सुनेंगे आप और अच्छे से खुद में सुधार कर पाएंगे।  

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